Wednesday, October 26, 2011

इस दिवाली


इस दिवाली जिंदगी में
फिर चमकती शाम है,
सामने तू हो न हो 
पर दिल में तेरा नाम है,
हर दिए में हंसी तेरी
लौ में मुस्कान है.

दिए जले, और बुझ गए 
पटाखों की गूँज चुप,
याद आयी तुम न आये
फिर चमकती शाम गुम. 

Tuesday, October 25, 2011

मुबारक हो दिवाली आपको

 
खुशी के चिराग हमेशा जलते रहे
सफलता के ख्वाव आँखों में पलते रहे
दुःख के गुबार धुँआ बन के उड़ जाए
आपसे आपके चाहने वाले हमेशा के लिए जुड़ जाए
श्री गणेश और लक्ष्मी आपके घर में
ढेर सारी खखुशियाँ बरसाए
ये दिवाली का त्यौहार
एक बार फिर आपके जीवन को सजीव कर जाय

Saturday, October 22, 2011

तनहाईयाँ


आज फिर जागा हूँ
रात भर मै
किसी की याद में नहीं
किसी को याद करने के लिए
ये तनहाईयाँ सताती नहीं है अब
कि आदत सी हो गई है
इन तनहाईयो के बगैर
तनहा लगता हूँ मै.

वो


कभी जाने कि खबर की नहीं उसने
कभी हमने पूछा नहीं
बार इस उम्मीद में जीते रहे
कि फिर मुलाकात होगी............

फकीरा



बहुत दूर से पत्थर घसीट
कर लाया हूँ
ना जाने मै यहाँ
फिर किस फ़िराक में आया हूँ.

रास्ते मिल जायेंगे
मंजिले खुद चली आएँगी
किसी सागर कि तलाश में
फिर एक बार मै
चला आया हूँ