Thursday, January 30, 2014

उधर मोमबत्तियां पिघली इधर मेरा दिल जलाता रहा

kisi insan ke seene me dil na tha
mera baccha bhooka mar gaya
mombattiyan jalti rahi
udhar mombatti pighalati rahi idhar mera dil jalata raha


किसी इंसान के सीने में दिल न था
मेरा बच्चा मर गया भूखा
मम्बत्तियां जलती रही चौराहों पे
उधर मोमबत्तियां पिघली इधर मेरा दिल जलाता रहा

Saturday, January 25, 2014

बेचते है अब भी कुछ बच्चे ट्राफिक सिग्नल पे तिरंगे

बेचते है अब भी कुछ बच्चे
ट्राफिक सिग्नल पे तिरंगे
पता नहीं आजादी के इतने सालो बाद भी
क्यू है भूखे नंगे...
----------> इन्फ़िनिटि

Wednesday, January 15, 2014

Death : The perfect

Only on thing in this world is perfect : Death, Rest is imperfect and incomplete that’s is why we move toward death continuously.
-------------> Infinity

Tuesday, January 14, 2014

होंठ जनता नहीं कि पेट भूखा है हमारा

होंठ जनता नहीं कि पेट भूखा है हमारा
मुस्कुरा देता है बेफिक्री में कभी कभी
और हुजूर को लगता है
कि थाली हमारी  भी भरी थी कल रात को…

------------------------> Infinity

Wednesday, January 8, 2014

कि कौन क्या है यहाँ

मौला बना दे यहा इंसान आइनों के
हर इक को दिख जाएगा
कि कौन क्या है यहाँ।
--------------Infinity