Sunday, December 27, 2015

घर पे बची है बूढी आँखे इंतज़ार में

छत पे कोई नहीं जाता अब खेलने
शोर करने
ऊपर जाती सीढ़ियों पर
जम गई है बहुत सारी धूल
कुछ बुजुर्ग कदम जाते है
अब ऊपर शाम को
निशान है पड़े है निरीह सीढियो पर पैरो के
जाते है  इंतज़ार करने
आता नहीं है कोई
शायद बेटे बहूँ बच्चे आ रहे होंगे इस रास्ते
या कोई बेटी मायका की तरफ निकली हो कहीं
घर में बचे है बुजुर्ग समय है जिनके पास बात करने की
एक दूसरे को देते है सांत्वना
चलो खुश होंगे बच्चे जहाँ है
समय मिलेगा तो आएंगे जरूर
फिर गूंजेगा छत सीढ़ी घर
बच्चों के शोर से
की बच्चे बड़े हो गए
और उड़ गए है घोसला छोड़ के
कुछ तलाशने कुछ पाने
घर में बूढी बची आँखे
इंतज़ार में है
की फिर हरे होंगे गमलो में सूखते हुए पौधे

___Infinity

Thursday, December 24, 2015

एक अजनबी











एक अजनबी 

एक अजनबी से यूँ मिले ...जैसे कोई पुराना सा था 
मस्तिष्क के किसी कोने में कोई  छुपा सा था 
कुछ अजब सी बात थी उनके आने की 
कुछ अनकहा कुछ अनसुना कुछ अनदेखा सा 
मन को ये ख्याल आया की इस से ही बंधा था शायद 
कुछ अजब गजब रिश्ता है सब सुलझा सब बंधा सा है 
एक खुला असमान एक अंतहीन आकाश सा .................
सुन्दर कुछ भाव... फूलों से भी कोमल एहसास 
एक अजनबी से यूँ मिले ........जैसे कोई पुराना सा था ..........

Wednesday, December 23, 2015

ये है नहीं प्यार तो है क्या और








ऐसे ही बैठे बैठे मुस्कराता कौन है 
यू हमे रात रात जागता कौन है 
हमारे अच्छे होने का एहसास दिलाता कौन है 
ये है नहीं प्यार तो है क्या और ... 

चाँद ला के दूँगा एक दिन तुझे







हो सकता है की कुछ रह जाए कमी फिलहाल
पर चाँद ला के दूँगा एक दिन तुझे
हो सकता है की दुनिया मे सबसे बड़ा न सही
पर एक दिन जरूर शाश्वत हो जाऊंगा तेरे लिए

बहोत दिन बाद ये बाहर आई है








बहोत दिन बाद ये बाहर आई है
एक सूखे पत्ते पे बहरो की खुमार आई है
ये एहसान तेरा ही है बस
की हर रोज हरा हो जाने का मन होता है अब

Friday, December 18, 2015

चाँद तो न दे पाएंगे







चाँद तो न दे पाएंगे ऐ हमहवा
देंगे एक छोटा था पौधा 
सींचना उसको जब आएंगे फूल उसपे
तो याद आएगी हमारी तुम्हें....

Sunday, December 13, 2015

जुड़ गया है कुछ ऐसे जैसे कभी जुड़ा नहीं






जुड़ गया है कुछ ऐसे जैसे कभी जुड़ा नहीं
मिल गया है शायद कोई अपना बहुत अपना ....

--Infinity

Tuesday, December 8, 2015

चिड़िया ने फिर बनाया है घोसला


























चिड़िया ने फिर बनाया है घोसला
उस खिड़की की बगल वाले पेड़ पर
कह देना जा कर उस इंसान को
कि काट न दे पेड़ की टहनियाँ फिर से
उसके लिए होगा सिर्फ एक घास-फूस का घोसला
किसी के लिए सारा जहां है वो

--Infinity

Friday, December 4, 2015

और बिन जिए, जिए चले जाते है

यू लोग कह देते है सांस लेने की फुर्सत नहीं
और बिन जिए, जिए चले जाते है ....

के पंछी मोहब्बत के निकल जाते है तारों के भी आगे

एक बार कर लो मोहब्बत हजूर
के पंछी मोहब्बत के निकल जाते है तारों के भी आगे

--Infinity

Sunday, November 29, 2015

Monday, November 16, 2015

दायरा बड़ा हो तो दर्द भी बढ़ जाता है अक्सर




खुद को अब समेट लेते है बार बार
दायरा बड़ा हो तो दर्द भी बढ़ जाता है अक्सर

__Infinity

Saturday, October 31, 2015

खमखा मर गया बीच मे मोहब्बत बेचारा

तुम भी जिंदा रहे
और जीते रहे हम भी
खमखा मर गया
बीच मे मोहब्बत बेचारा ...

--Infinity

Thursday, October 29, 2015

एक गरीब के भूखे पेट का चिल्लाना







पैसे की मूक आवज हर कोई सुन लेता है यहाँ 
एक गरीब के भूखे पेट का चिल्लाना 
किसी के कानो तक जाता नहीं

--Infinity

Monday, October 19, 2015

कश्मीरी पंडितो के खून से लिखा गया था बर्बरता का इतिहास








कश्मीरी पंडितो के खून से 

लिखा गया था बर्बरता का इतिहास 

आज तक कुछ लोग  धर्मनिरपेक्षता की आड़ का 

रबड़ ले के घूम रहे है 

सबूत मिटाने के लिए ॥

Monday, October 5, 2015

क्या नेता जी

क्या नेता जी : आपको अपने महलों की खिड़कियों से भूखे पेट, गर्मी बरसात जाड़े मे जलते भिंगते ठिठुरते बदन नहीं नजर आते उन्होने ही तो अंगूठा लगा के भेजा था महल मे आपके?

--Infinity

Wednesday, September 30, 2015

वो तो दूर बैठे लेते है मजा चुपके चुपके

दंगे मे मरता है कौन हम या तुम, तुम या हम
वो तो दूर बैठे लेते है मजा चुपके चुपके
--Infinity

दंगे की आग पर अक्सर सेंकी जाती है नफ़रत की रोटियां

दंगे की आग पर अक्सर सेंकी जाती है नफ़रत की रोटियां
और भूखे लोग जल जाते है उसी आग में रोटी की आस में

--Infinity

आओ फिर वैसी ही दिवाली मनाए एक बार फिर मिट्टी के दीय जलाए ॥







आओ फिर वैसी ही दिवाली मनाए एक बार फिर मिट्टी के दीय जलाए ॥

  

Friday, September 18, 2015

मेरी यादो के भगवान हो तुम

तुम्हारे लिए मैं कुछ हूँ कि ना हूँ 
मेरे लिए सारा जहाँ हो तुम
याद आती नहीं होगी कभी मेरी तुझे
मेरी यादो के भगवान हो तुम
---Infinity

Friday, August 28, 2015

सिर्फ एक इंसान था वो

ना हिन्दू था न मुसलमान था वो
एक बूढ़ा भूखे पेट मर गया
सिर्फ एक इंसान था वो ॥

--- Infinity

कह तो दिया मैंने तुझे

कह तो दिया मैंने  तुझे
जो कहना था आखिर
समझना है जो भी समझ से फिर से एक बार
अब फुरसत नहीं समझने की ...


--- Infinity

जुगनू बीन लो इस काली अंधेरी रात की

जुगनू बीन लो इस काली अंधेरी रात की
की आएंगे काम आगे
ऐ हमसफर....

--- Infinity

दुनिया मे सबसे खूबसूरत हो

तुम मेरी हो गर तो दुनिया मे सबसे खूबसूरत हो
गर मेरी नहीं तो मुझे परवाह क्या है

-- Infinity

कुछ नया लिखे लेते भाई हमसे हमारा ही चुरा लिए तुमने

कुछ नया लिखे लेते भाई
हमसे हमारा ही चुरा लिए तुमने ...

--- Infinity

मुफ़लिशि है पर मजबूर नहीं ..

जिस्म हो क्यो न हो गई हो पुरानी
रूह अभी भी है ताजा ऐ गालिब
मुफ़लिशि है पर मजबूर नहीं ...

-- Infinity

इस मुफ़लीशी के काश मे

कितना भटके हम और
उस आसरे के आस मे
मिलतान नहीं कोई हमसफर
इस मुफ़लीशी के काश मे

--Infinity

हम भी तू नहीं

हमने तुझे आप कह दिया
तो यू न समझ नासमझ
हम भी तू नहीं ...

--Infinity

Saturday, August 22, 2015

कहीं खुद को पहाड़ तो न समझ लिया तूने







कहीं खुद को पहाड़ तो न समझ लिया तूने
हम भी धशरथ माँजी है
तोड़ के रख देंगे और
बना लेंगे अपना रास्ता

---- Infinity

Saturday, August 1, 2015

मुझे मालूम नहीं कि वो हिन्दू कि मुस्लल्लम इमां था पर मालूम है जरूर कि वो अब्दुल कलाम था वो मैं भी उस की तरह होना चाहता रहा पर जा के बता दिया उसने की कुछ तो है या रह गई कमी हममे उसकी तरह होने के लिए।।।_Infinity

मुझे मालूम नहीं कि
वो हिन्दू कि मुस्लल्लम इमां था
पर मालूम है जरूर कि
वो अब्दुल कलाम था वो
मैं भी उस की तरह होना चाहता रहा
पर जा के बता दिया उसने की कुछ
तो है या रह गई कमी हममे
उसकी तरह होने के लिए।।।_Infinity

एक साबुन था कलाम साफ कर गया बहुतो को अपने झाग से _Infinity

एक साबुन था
कलाम साफ कर गया बहुतो को
अपने झाग से

_Infinity

जिसको जो चाहिये था मिला भरपूर

नशे में था दोनों ही
कलाम और याकूब
एक आवद करना चाहता था
एक बर्बाद देश को
दोनों को जो चाहिए था मिला
एक को आदर
एक को नफ़रत पुरे मुल्क का
जिसको जो चाहिये था मिला भरपूर

_Infinity 

Monday, July 27, 2015

ना हिन्दू न मुसलमान बन तू बनना है गर तुझे कुछ तो अब्दुल कलाम बन तू




ना हिन्दू न मुसलमान बन तू
बनना है गर तुझे कुछ तो
अब्दुल कलाम बन तू


--Infinity

Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam अवुल पकिर जाइनूलाब्दीन अब्दुल कलाम






यूं लगता है कोई सपना गया है
यूं लगता है कोई अपना गया है
मिला नहीं था कभी हमसे
फिर भी लगता है कोई हमनवां कोई अश्ना गया है

--Infinity

Thursday, July 23, 2015

न जाने गम छुपाने का हुनर किधर से ढूंढ लाता था वो

मूस्कुराता तो था
हँसता भी था ठहाकों मे
न जाने गम छुपाने का हुनर
किधर से ढूंढ लाता था वो .....

--Infinity

जब भी मिला मुसकुराता मिला तू मुझसे


जब भी मिला मुसकुराता मिला तू मुझसे
लगता था मेरे दिल से तेरा दिल ज्यादा भरा है ...
---Infinity

Saturday, July 11, 2015

भागते हुए जिंदिगी की राह की शाम हो गई

चलते फिरते
भागते हुए जिंदिगी की राह की शाम हो गई
फिर मिलते है कल सुबह एक नींद के बाद
--Infinity

Wednesday, July 8, 2015

यार समझते है कि शराफत आ गई हममे




जिंदगी के टेढ़े-मेढ़े रास्तो ने सीधा कर दिया हमे
यार समझते है कि शराफत आ गई हममे

-----Infinity

Tuesday, June 30, 2015

बड़े दरखातों को काट के गमलो मे पौधे लगा लिए







बड़े दरखातों को काट के
गमलो मे पौधे लगा लिए
जीते जागते पेड़ो का कत्ल कर
कंकरीट के जंगल बना लिए
भूख तो मिट जाती है दो रोटी से भी यारो
पर कागज बंडलों को दिल से लगा लिए
रोता रहा गरीब भूख से
और हमने ढकसोलों से पुण्य कमा लिए

--Infinity

Monday, June 15, 2015

अच्छा कर्म

अगर आप अच्छा कर्म करते है तो कम भक्ति भी ज्यादा फल देगी ॥  --Infinity

Friday, June 5, 2015

लग रहा है फिर से बचपन आने वाला है ...

तुम भी बूढ़ी हो गई
मेरे भी बाल हो गए सफ़ेद
लग रहा फिर से बचपन आने वाला है ...

--Infinity

Wednesday, June 3, 2015

याद आया फिर तेरा पर्दे के पीछे से वो मुसकुराना ...






उफ़्फ़ ... ये इस रात का चाँद
याद आया फिर तेरा पर्दे के पीछे से वो मुसकुराना ...

--Infinity

Thursday, May 21, 2015

फूलों ने पत्थरो को घायल कर दिया, क्या करे जनाब ऐसा ही जमाना है ॥

फूलों ने पत्थरो को घायल कर दिया, क्या करे जनाब ऐसा ही जमाना है ॥ 

आज फोन आया बैंक से पूछ रहे थे सर लोन ले लीजिये

आज फोन आया बैंक से पूछ रहे थे सर लोन ले लीजिये मैंने कहा मुझे तो अभी नहीं चाहिए लेकिन मेरे जान पहचान का एक किसान है उसे चाहिए ... फोन कट गया ...
--Infinity

Friday, May 15, 2015

पापा .... माँ .... पापा ...

माँ तुम तो रो लेती हो जब याद आती होगी मेरी
पापा तो रो भी नहीं पाते होंगे
माँ तुम तो खाना बनती होगी तो याद आती होगी मेरी खाने के लिए जिद्द
पापा तो याद भी नहीं कर पाते होंगे खाते समय
अपने प्लेट की अच्छी चीजें मेरे प्लेट मे डाल के लिए मन मे सोंचते होंगे
पर प्लेट तो मिलती नहीं होंगी
तुम तो बोल देती हो फोन पर सब कुछ
अपना दुख अपना सुख
पापा पुछते है मेरी तकलीफ़े सिर्फ
पूछते है कुछ भी हो तो बता देना
महीने के आखिरी मे जब पैसे खत्म हो जाते है
और मांग लेता हूँ मैं जब बजट का आखिरी हिस्सा पापा से
तो पता नहीं कैसे चलते होंगे घर
किससे मांगते होंगे उधार
माँ तुम तो सुन भी लेती हो कह भी देती हो
पापा तो सिर्फ सुन लेते है
कुछ बताते नहीं है
कितनी बुरी बात है माँ कि
तुम तो रख लेती हो अपना सर मेरे कंधो पर
पर पापा रख नहीं पाते
हमेशा क्यू मजबूत दिखाना पड़ता है उनको
तकलीफ तो उन्हे भी होती होगी न
माँ तुम तो महान हो
पर पापा तो दिख ही नहीं पते है महान
वो पूरी दुनिया कि ज़िम्मेदारी उठाय
चलते रहते है लगातार
कुछ कहते भी नहीं
तुम तो कह भी लेती हो सुन भी लेती हो
पापा कह नहीं पाते है कुछ
मजबूत रहना पड़ता है उन्हे
चलना सिखाया है माँ
और उन्होने खड़ा रहना सिखाया है माँ
पापा तो बता भी नहीं पाते है दुख अपना
माँ महान तुम भी हो महान वो भी है माँ
पर
तुम रो लेती होगी जब मेरी याद आती होगी
वो तो रो भी नहीं पते होंगे माँ ...
ख्याल रखना अपना भी और उनका भी माँ
तुमसे तो कह लेता हूँ सब
उनसे तो कह भी नहीं पता माँ
माँ ख्याल रखना अपना भी
और उनका भी ..................

---Infinity

Thursday, May 14, 2015

आज यूं मेहरबान हुए जाते है वो

आज यूं मेहरबान हुए जाते है वो
न जाने कौन सा मतलब निकालना है आज ...

--Infinity

Friday, May 8, 2015

Tuesday, May 5, 2015

Monday, May 4, 2015

आप बैंक अकाउंट मे रक्खे पैसे से अमीर तो हो सकते है लेकिंग आपके दिल कैसा है उससे आप महान बनाते है ...

आप बैंक अकाउंट मे रक्खे पैसे से अमीर तो हो सकते है लेकिंग आपके दिल कैसा है उससे आप महान बनाते है ... 

Saturday, April 18, 2015

मुझसे बड़ा मिल गया होगा तुम्हें कोई लेकिन याद रखना की मैं बनूँगा ऐसा कि किसी सीढ़ी से पाहुच न पाओगे मुझ तक ... -- Infinity




मुझसे बड़ा मिल गया होगा तुम्हें कोई लेकिन याद रखना
की मैं बनूँगा ऐसा कि
किसी सीढ़ी से पाहुच न पाओगे मुझ तक ...

-- Infinity

कोई मिलता नहीं मुझ जैसा मुझको यहाँ करू क्या बता दो तुम ही मुझे --Infinity

कोई मिलता नहीं मुझ जैसा मुझको यहाँ
करू क्या बता दो तुम ही मुझे
--Infinity

मैंने कहा तो था पर सुना नहीं था तूने जब तूने सुना तो कहा नहीं था कुछ मैंने .... -Infinity

मैंने कहा तो था पर सुना नहीं था तूने 
जब तूने सुना तो कहा नहीं था कुछ मैंने .... 
-Infinity

Saturday, April 4, 2015

इतने मुद्दे न होते दरमियान हमारे






काश तुम आंखो की बोली समझ पाते
इतने मुद्दे न होते दरमियान हमारे ॥
--Infinity

Friday, April 3, 2015

भर पेट सुगंध..

पड़ोस मे बन रहा है छप्पन भोग
रोड पर ठंढ मे ठिघूरता भिखारी ने भी खा लिए
भर पेट सुगंध....
--Infinity

Friday, March 20, 2015

तुमसे अच्छी तो मौत है बिन बुलाये आ जाएगी अपने आप.

तुमसे अच्छी तो मौत है
बिन बुलाये आ जाएगी अपने आप............
--Infinity

तुम्हारी उंगली और पापा के कंधे के बिना






क्या तुम मर जाओगी माँ ?
पापा भी क्या दूर चले जाएंगे फिर न लौट के आने के लिए
कैसे रहूँगा मैं अकेला
तुम्हारी उंगली और पापा के कंधे के बिना

--Infinity

Tuesday, March 17, 2015

ईमानदारी का चोगा

Knock Knock : Who
Dishonesty
What do you want
Honesty Overcoat
Why do you need it ?
To make people fool

खट खट : कौन ?
बेईमानी
क्या चाहिए
ईमानदारी का चोगा
किस लिए?
लोगो को मूर्ख बनाने के लिए

--Infinity

Friday, March 13, 2015

तेरे चंद से कह दे उसका यार आया है

तेरे चंद से कह दे उसका यार आया है
वो गलतफहमी न पाने किसी और के लिए.....
--Infinity

तेरे बच्चे भी छोड़ आएंगे तुझे वृद्धाश्रम मे

तेरे बच्चे भी छोड़ आएंगे तुझे वृद्धाश्रम मे
तूने ही तो बनाया था ये बुड्ढों के लिए घर बेमिशाल....
---Infinity

कभी तो आई होगी मेरी याद तुझे भी

कभी तो आई होगी मेरी याद तुझे भी
हिचकियाँ आती है मुझे भी कभी कभी ....
--Infinity

Friday, January 30, 2015

हमारी अस्थियाँ दबी है इस जमीन मे

हमारी अस्थियाँ दबी है इस जमीन मे
हवाओ मे उड़ता है अंस हमारा
नदियो मे भी हड्डीओ का बुरादा बेहता है
हिंदुस्तानी है हम,
लोगो कि
हमारा हर कण कण घुल जाता है
हिंदोस्तान के कण कण मे.....
------Infinity