Tuesday, June 30, 2015

बड़े दरखातों को काट के गमलो मे पौधे लगा लिए







बड़े दरखातों को काट के
गमलो मे पौधे लगा लिए
जीते जागते पेड़ो का कत्ल कर
कंकरीट के जंगल बना लिए
भूख तो मिट जाती है दो रोटी से भी यारो
पर कागज बंडलों को दिल से लगा लिए
रोता रहा गरीब भूख से
और हमने ढकसोलों से पुण्य कमा लिए

--Infinity

Monday, June 15, 2015

अच्छा कर्म

अगर आप अच्छा कर्म करते है तो कम भक्ति भी ज्यादा फल देगी ॥  --Infinity

Friday, June 5, 2015

लग रहा है फिर से बचपन आने वाला है ...

तुम भी बूढ़ी हो गई
मेरे भी बाल हो गए सफ़ेद
लग रहा फिर से बचपन आने वाला है ...

--Infinity

Wednesday, June 3, 2015

याद आया फिर तेरा पर्दे के पीछे से वो मुसकुराना ...






उफ़्फ़ ... ये इस रात का चाँद
याद आया फिर तेरा पर्दे के पीछे से वो मुसकुराना ...

--Infinity