Friday, August 28, 2015

सिर्फ एक इंसान था वो

ना हिन्दू था न मुसलमान था वो
एक बूढ़ा भूखे पेट मर गया
सिर्फ एक इंसान था वो ॥

--- Infinity

कह तो दिया मैंने तुझे

कह तो दिया मैंने  तुझे
जो कहना था आखिर
समझना है जो भी समझ से फिर से एक बार
अब फुरसत नहीं समझने की ...


--- Infinity

जुगनू बीन लो इस काली अंधेरी रात की

जुगनू बीन लो इस काली अंधेरी रात की
की आएंगे काम आगे
ऐ हमसफर....

--- Infinity

दुनिया मे सबसे खूबसूरत हो

तुम मेरी हो गर तो दुनिया मे सबसे खूबसूरत हो
गर मेरी नहीं तो मुझे परवाह क्या है

-- Infinity

कुछ नया लिखे लेते भाई हमसे हमारा ही चुरा लिए तुमने

कुछ नया लिखे लेते भाई
हमसे हमारा ही चुरा लिए तुमने ...

--- Infinity

मुफ़लिशि है पर मजबूर नहीं ..

जिस्म हो क्यो न हो गई हो पुरानी
रूह अभी भी है ताजा ऐ गालिब
मुफ़लिशि है पर मजबूर नहीं ...

-- Infinity

इस मुफ़लीशी के काश मे

कितना भटके हम और
उस आसरे के आस मे
मिलतान नहीं कोई हमसफर
इस मुफ़लीशी के काश मे

--Infinity

हम भी तू नहीं

हमने तुझे आप कह दिया
तो यू न समझ नासमझ
हम भी तू नहीं ...

--Infinity

Saturday, August 22, 2015

कहीं खुद को पहाड़ तो न समझ लिया तूने







कहीं खुद को पहाड़ तो न समझ लिया तूने
हम भी धशरथ माँजी है
तोड़ के रख देंगे और
बना लेंगे अपना रास्ता

---- Infinity

Saturday, August 1, 2015

मुझे मालूम नहीं कि वो हिन्दू कि मुस्लल्लम इमां था पर मालूम है जरूर कि वो अब्दुल कलाम था वो मैं भी उस की तरह होना चाहता रहा पर जा के बता दिया उसने की कुछ तो है या रह गई कमी हममे उसकी तरह होने के लिए।।।_Infinity

मुझे मालूम नहीं कि
वो हिन्दू कि मुस्लल्लम इमां था
पर मालूम है जरूर कि
वो अब्दुल कलाम था वो
मैं भी उस की तरह होना चाहता रहा
पर जा के बता दिया उसने की कुछ
तो है या रह गई कमी हममे
उसकी तरह होने के लिए।।।_Infinity

एक साबुन था कलाम साफ कर गया बहुतो को अपने झाग से _Infinity

एक साबुन था
कलाम साफ कर गया बहुतो को
अपने झाग से

_Infinity

जिसको जो चाहिये था मिला भरपूर

नशे में था दोनों ही
कलाम और याकूब
एक आवद करना चाहता था
एक बर्बाद देश को
दोनों को जो चाहिए था मिला
एक को आदर
एक को नफ़रत पुरे मुल्क का
जिसको जो चाहिये था मिला भरपूर

_Infinity