Wednesday, November 2, 2016

गुनाह, सिर्फ ईमानदारी है


यू ना हुआ करो खफा
आईने से हर वक्त
गुनाह, सिर्फ ईमानदारी है उसकी
काम ही है उसका
वो तो सिर्फ चेहरे दिखता है

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