Sunday, May 28, 2017

कोशिश मैन भी किया था


मैं हूँ वो छोटी सी गिलहरी रामायण वाली
धूल में लिपट के बस सेतु पर उड़ेल देता हूँ
कतरे धूल के कुछ
अंजुलियों को अपने पीठ पर फेरे जाने चाह में
लगा हूँ कोशिश बहुत छोटी सी है पुण्य के लड़ाई में
एक कतरा ही सही भविष्य को
कह पाऊंगा कि मैंने भी किया था कोशिश
नर्म बिस्तर छोड़ के मुश्किलें को थोड़ी
टक्कर दी है मैंने भी
भविष्य बचाने के लिए मैंने भी अपना वर्तमान दिया था
चुप नही सहा था मैंने साजिश समय का
कोशिश मैन भी किया था बेशक।

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Thursday, May 25, 2017

ख़ुशी का ठिकाना कहीं और नहीं





वो खुश है
खुश ही रहता है वो अक्सर
शायद उसके ख़ुशी का ठिकाना कहीं और नहीं
उसके पास ही है....

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असली ऊपर वाला तो निचे बैठा है


मन्त्र पढ़ हिन्दू बन गए
कलमा पढ़ा बन गए मुस्लमान
हालालुया कह बन गए ईसाई
गुरुवाणी कह के सिक्ख हो गए
ऊपर वाला अँधा बेहरा और गूंगा है शयद
या कि सोचता होगाहम तो यूँ ही बैठे है
असली ऊपर वाला तो निचे बैठा है

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