Friday, November 17, 2017

माँ है वो माँ ही तो है वो


तोड़ के अपने
बुन देती है पंख मेरे
टूटी भी हो खुद तो
जोड़ देती है मुझे हरवक्त
माँ है वो
आँसू ले के मेरे
पंखुड़ियां लौटा देती है गुलाब की
खाली पेट भी हो तो पूछती है और ले लो थोड़ी
दिखाती नही एक कतरा चोटिल भी हो गर
बटोर के ले लेती है दुख सारे
माँ है वो माँ ही तो है वो।
#Infinity




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