Wednesday, October 31, 2018

भर फेफड़ा हवा कहाँ



मास्क बिक रहे हैं धरल्ले से बाज़ार में
कट के दरख्त कई पड़े है कतार में
सुबह की हवा वैसी नहीं रही अब
कहते फिर रहे है गमले में पौधे लिए सब
पूछते है पौधे बेचने वाले से कि
दे दो वो पौधा जो देता हो सबसे ज्यादा ऑक्सीजन
बालकोनी के बौने पौधों क्या करेंगे दूर प्रदूषण
अब तक हम पीते थे पानी लगा के फ़िल्टर
मशीन खरीदनी है कल जो हवा को कर रही है साफ़
काश ये हवा साफ़ करने वाली मशीन लगी हो हर चौक पे
फिर २-४ गंगे पी लेंगे दोस्तों के साथ चाय की दूकान में
पूरी सांस भी नहीं मिलती है अब
भर फेफड़ा हवा कहाँ

#Infinity


Saturday, October 20, 2018

मन का रावण



रावण जल गया
मेला उसर गया
फिर पैदा किया जाएगा रावण
उसे करने दिया जाएगा ज़ुल्म
पाला पोशा जाएगा सँवारा जाएगा
कई एक के मन में बहुत भीतर
फिर एक बार अगले साल
उसे जला मार देने की होगी रश्म अदाएगी

#Infinity


Sunday, October 14, 2018

पत्थरों के बीच खिला है एक छोटा पौधा



पत्थरों के बीच खिला है एक छोटा पौधा
लड़ना था उसे बस
याद रहा उसे इतना हीं
किसने क्या कहा
किसने क्या किया
क्या मालूम क्या पता
उसने तो सिर्फ़ ये किया
कि उसने तो सिर्फ़ अपना पक्ष जिया
कहना तो बहुत था आसान
उसने सिर्फ़ किया
बेफ़िक्र जिया बेफ़िक्र जिया

#Infinity



हो जा सुनहरे पंखों पर सवार



यूँ ना हार
कर अपने डर को पार
यहीं थोड़ा अँधेरा है बस
वहाँ तो सब जगमग
कुछ तो सोचा है तेरे लिए भी
उसने
अनाथ भी है तो क्या पूरा जहाँ है तेरा
जिसे चाहे अपना बना
हो जा सुनहरे पंखों पर सवार


#Infinity


Monday, September 24, 2018

दबे कदम आ रही है ठण्ड



बस कुछ ही दूरी पर दिख रही है
अंगीठी छुपाये कम्बल लपेटे
चाय की चुस्कीओं में
ओस की बूंदो में चमकती
धुंध में चुप चाप
दबे कदम आ रही है ठण्ड


#Infinity

Wednesday, September 19, 2018

अनजानों का शहर है ये अपनो का गाँव नहीं




अनजानों का शहर है ये
अपनो का गाँव नहीं
दुख बाँटता नहीं कोई
सुख बताता नहीं अब यहाँ
बुज़ुर्ग कोने में रक्ख़ा पीकदान
बच्चे सुनते नहीं अब राजा-रानीयो परीयों की कहानियाँ
सब कुछ है सबके पास यहाँ
पर किसी के पास कोई नहीं


#Infinity

Sunday, April 8, 2018

यायावर





यायावर हम भी होते
गर जिम्मेदारिओं से प्यार न होता


#Infinity

Tuesday, April 3, 2018

तुलसी आंगन की


Shashwat Shriparv Infinity


अपने घर में गमले की तुलसी को
निकाल दो
रोप आओ धरती के कलेजे में
जा के
वो भी दरख्त बनने की रखती है हैसियत


#Infinity


Friday, March 16, 2018

भूला नहीं तुझे भूल से भी




तू नहीं तो क्या
तेरी याद मेरी ही तो है
तू याद है अब भी
भूला नहीं तुझे भूल से भी

#Infinity

Wednesday, February 14, 2018

ख़ुशी की महक तेरे साथ जैसा



ख़ुशी की महक कैसी है पता कर जरा
जिंदगी में तेरे होने का एहसास जैसा ही होगा जानता हूँ

#Infinity